Arihant Expert Team Solutions for Chapter: अलंकार, Exercise 1: वस्तुनिष्ठ प्रश्न
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Questions from Arihant Expert Team Solutions for Chapter: अलंकार, Exercise 1: वस्तुनिष्ठ प्रश्न with Hints & Solutions
निम्नलिखित पद्यांशों में प्रयुक्त अलंकार के भेद का चयन दिए गए विकल्पों में से कीजिए:
अजौ तरयौना ही रहयों, श्रुति सेवत एक अंग।
नाक बास बेसिर लहयौं, बसि मुक्तन के संग।।

निम्नलिखित पद्यांशों में प्रयुक्त अलंकार के भेद का चयन दिए गए विकल्पों में से कीजिए।
को तुम हैं घनश्याम हम, तो बरसो कित जाए।

निम्नलिखित पद्यांशों में प्रयुक्त अलंकार के भेद का चयन दिए गए विकल्पों में से कीजिए:
ऊधौ, मेरा ह्रदय तल था एक उद्यान न्यारा।
शोभा देतीं अमित उसमें कल्पना-क्यारियाँ थीं।।

निम्नलिखित पद्यांशों में प्रयुक्त अलंकार के भेद का चयन दिए गए विकल्पों में से कीजिए।
भूरि-भूरि भेदभाव भूमि से भगा दिया।

निम्नलिखित पद्यांशों में प्रयुक्त अलंकार के भेद का चयन दिए गए विकल्पों में से कीजिए।
ह्रदय घाव मेरे पीर रघुवीरै।

निम्नलिखित पद्यांशों में प्रयुक्त अलंकार के भेद का चयन दिए गए विकल्पों में से कीजिए।
मुन्ना तब मम्मी के सर पर देख-देख दो छोटी।
भाग उठा भय मानकर सर पर साँपिन लोटी।।

निम्नलिखित पद्यांशों में प्रयुक्त अलंकार के भेद का चयन दिए गए विकल्पों में से कीजिए;
काशी पुरी की कीरति महा,
जहाँ देह देइ, पुनि देह न पाइए।

निम्नलिखित पद्यांशों में प्रयुक्त अलंकार के भेद का चयन दिए गए विकल्पों में से कीजिए।
तू रूप है किरण में, सौंदर्य है सुमन में।
तू प्राण है पवन में, विस्तार है गगन में।।
