अर्थालंकार
अर्थालंकार: Overview
इस टॉपिक में अर्थालंकार के भेद, उपमा अलंकार, रूपक अलंकार और उत्प्रेक्षा अलंकार इत्यादि का अध्ययन किया जायेगा|
Important Questions on अर्थालंकार
'साड़ी बीच नारी है की नारी बीच साड़ी है।' इसमे कौन-सा अलंकार है?

जहाँ बिना कारण के कार्य का होना पाया जाए वहाँ कौन-सा अलंकार होता है?


निर्देश : निम्नांकित पंक्तियों के संबंध में प्रश्न संख्या एवं के अनुसार उत्तर दीजिए।
मेरा मन अनत कहां सुख पावै,
जैसे उड़ि जहाज को पंछी फिर जहाज पर आवै,
कमल नैन (न) को छांडि महातम, और देव को ध्यावै।।
'कमल नैन' में अलंकार है -

निर्देश : निम्नांकित पंक्तियों के संबंध में प्रश्न संख्या एवं के अनुसार उत्तर दीजिए।
मेरा मन अनत कहां सुख पावै,
जैसे उड़ि जहाज को पंछी फिर जहाज पर आवै,
सब प्राणियों के मत्तमनोमयूर अहा नचा रहा।

निर्देश : निम्नलिखित प्रश्नों में प्रयुक्त अलंकार भेद का चयन करें?
तू रूप में किरन में, सौदर्य है सुमन में।

निर्देश : निम्नांकित पंक्तियों के संबंध में प्रश्न संख्या एवं के अनुसार उत्तर दीजिए।
मेरा मन अनत कहां सुख पावै,
जैसे उड़ि जहाज को पंछी फिर जहाज पर आवै,
वह इष्ट देव के मंदिर की पूजा-सी, वह दीप शिखा-सी शांत भाव में लीन वह टूटे तरू की छूटी लता-सी दीन, दलित भारत की विधवा है।

निर्देश : निम्नलिखित प्रश्नों में प्रयुक्त अलंकार भेद का चयन करें?
बड़े न हूजे गुनन बिनु विरद बड़ाई पाए।
कहत धतूरे सों कनक गहनो गढ़ो न जाए।

जहाँ एक साथ शब्द और अर्थ दोनों में विशेषता प्रतीत हो, वहां-

"मो सम कौन कुटिल खल कामी", 'मो सम' में कौन-सा अलंकार है?

'तिय लिलार बेंदी दिए अगणित बढ़त उदोत' में कौन-सा अलंकार है?


'हृदय सिंधु मति सीप समाना। स्वाति भारत कहहिं सुजाना। जौं बरबई बरवारि विचारू। होहि कविता मुकुता मनि चारू।।' दी गई पंक्ति के अनुसार 'सीप समाना' में कौन-सा अलंकार है?

'रहिमन पुतरी स्याम, मनहु जलज मधुकर लसै।।' प्रस्तुत पंक्ति में कौन-सा अलंकार है?

'आशाओं की करवट, फिर सुप्त व्यथा का जगना' इस पंक्तियों में अलंकार हैं:

जहाँ उपमेय में अनेक उपमानो की शंका होती है, वहाँ कौन-सा अलंकार होता है?


'भरतहि होई न राजमदु विधि हरी पद पाई।
कबहुँ की काँजी सीकरनि छीर सिंधु बिनसाई।।'
इसमें अलंकार है:

'बढ़त-बढ़त संपत्ति-सलिल मन-सरोज बढ़ जाए' संपत्ति-सलिल में अलंकार है:

'उदित उदय गीत मंच पर, रघुवर बाल पतंग।
विकसे संत सरोज सब, हर्षे लोचन भृंग।।' इन पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार का नाम बताइए।
