
'रहिमन पुतरी स्याम, मनहु जलज मधुकर लसै।।' प्रस्तुत पंक्ति में कौन-सा अलंकार है?

Important Questions on अलंकार
निर्देश : निम्नलिखित प्रश्नों में प्रयुक्त अलंकार भेद का चयन करें?
बड़े न हूजे गुनन बिनु विरद बड़ाई पाए।
कहत धतूरे सों कनक गहनो गढ़ो न जाए।



निर्देश : निम्नांकित पंक्तियों के संबंध में प्रश्न संख्या एवं के अनुसार उत्तर दीजिए।
मेरा मन अनत कहां सुख पावै,
जैसे उड़ि जहाज को पंछी फिर जहाज पर आवै,
वह इष्ट देव के मंदिर की पूजा-सी, वह दीप शिखा-सी शांत भाव में लीन वह टूटे तरू की छूटी लता-सी दीन, दलित भारत की विधवा है।





'भरतहि होई न राजमदु विधि हरी पद पाई।
कबहुँ की काँजी सीकरनि छीर सिंधु बिनसाई।।'
इसमें अलंकार है:

निर्देश : निम्नांकित पंक्तियों के संबंध में प्रश्न संख्या एवं के अनुसार उत्तर दीजिए।
मेरा मन अनत कहां सुख पावै,
जैसे उड़ि जहाज को पंछी फिर जहाज पर आवै,
कमल नैन (न) को छांडि महातम, और देव को ध्यावै।।
'कमल नैन' में अलंकार है -

'बढ़त-बढ़त संपत्ति-सलिल मन-सरोज बढ़ जाए' संपत्ति-सलिल में अलंकार है:

विकसे संत सरोज सब, हर्षे लोचन भृंग।।' इन पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार का नाम बताइए।

निर्देश : निम्नांकित पंक्तियों के संबंध में प्रश्न संख्या एवं के अनुसार उत्तर दीजिए।
मेरा मन अनत कहां सुख पावै,
जैसे उड़ि जहाज को पंछी फिर जहाज पर आवै,
सब प्राणियों के मत्तमनोमयूर अहा नचा रहा।

निर्देश : निम्नलिखित प्रश्नों में प्रयुक्त अलंकार भेद का चयन करें?
तू रूप में किरन में, सौदर्य है सुमन में।


बहती है अब भी निशि वासर।।' में कौन-सा अलंकार है?

निर्देश : निम्नांकित पंक्तियों के संबंध में प्रश्न संख्या एवं के अनुसार उत्तर दीजिए।
मेरा मन अनत कहां सुख पावै,
जैसे उड़ि जहाज को पंछी फिर जहाज पर आवै,
कमल नैन (न) को छांडि महातम, और देव को ध्यावै।।
'कमल नैन' में अलंकार है -

जनु बरसा रितु प्रकट बुढ़ाई।।' में कौन-सा अलंकार है?

दिए गए पंक्तियों में कौन-सा अलंकार है?
हनुमान की पूछ में लगन न पायी आग।
लंका सिगरी जल गयी, गए निसाचर भाग।।


