भाषा अधिगम एवं भाषा अर्जन
भाषा अधिगम एवं भाषा अर्जन: Overview
इस टॉपिक के अंतर्गत शिक्षार्थी भाषा को अधिगृहित एवं उसमें निरंतर विकास करने की विधियों से अवगत होते हैं। इस के पठन में अधिगम पर स्किनर, पियाजे, वाइगोत्सकी, पाणिनि, भृर्तहरि इत्यादि के सिद्धान्तों के साथ साथ भारतीय शिक्षा दर्शन का अध्ययन किया जाता है।
Important Questions on भाषा अधिगम एवं भाषा अर्जन


ज्ञान की प्रकृति एवं मूल्य, ज्ञानार्जन की विधियाँ आदि _____ के अंतर्गत आते हैं।

_______ का उपभाग नीतिशास्त्र (Ethics) तथा सौन्दर्यशास्त्र (Aesthetics) है।


'सत्य या वास्तविकता का सिद्धांत' किसे कहा जाता है?



______आस-पास के वातावरण, परिवार तथा समाज के माध्यम से ही सीख जाते हैं।

किस प्रक्रिया में किताब या व्याकरण के नियमों की आवश्यकता नहीं होती ?

_____ के द्वारा मनुष्य समाज में रहकर बोलना व समझना सीख जाते हैं।

_______ वह प्रक्रिया हैं जिसके द्वारा मनुष्य भाषा को सीखने, ग्रहण करने एवं समझने की क्षमता अर्जित करता है।

'बालक भाषा के जिन नियमों को बार-बार सुनता है, वही नियम उसे याद हो जाते हैं और वह उसे अपने व्यवहार में लाने लगता है।' यह किस विधि से सम्बंधित है?

भाषा के नए नियमों और रूपों का बालक बारम्बार आवृति करता हैं, यह भाषा अर्जन के कौन-सी विधि है?

बालक भाषा के नए नियम या व्याकरण के नियम को सुनकर बिना अर्थ के ज्ञान के उसे याद कर लेना, भाषा अर्जन की कौन-सी विधि है?

निम्न में कौन-सा भाषा अर्जन का भेद नहीं है?


किसके अनुसार- “बालक भाषा का अर्जन प्रवेश के द्वारा करता है।”

_____ के लिए कोई औपचारिक साधन की आवश्यकता नही पड़ती है।

______ अंतर्गत हम अपने आस पास के वातावरण, माता पिता और अपने से बड़ो व्यक्तियों के सम्पर्क में रहकर भाषा को सीखते है।
