शिक्षाशास्त्र
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इस अध्याय में, उम्मीदवार अधिगम और अर्जन से संबंधित अवधारणाओं के बारे में जानेंगे। वे अधिगम का अर्थ और परिभाषा सीखेंगे। उन्हें भाषा अधिगम और भाषा अर्जन और बालको में भाषा के विकास के बारे में भी बताया जाएगा। कुछ संबंधित प्रश्न भी अंत में दिए गए हैं।

यह अध्याय भाषा शिक्षण के सिद्धांत के विभिन्न पहलुओं पर केंद्रित है। मुख्य रूप से भाषा का अर्थ और महत्व यहाँ चर्चा की गई है। यह भाषा शिक्षण में मातृभाषा का महत्व, भाषा शिक्षण के उददेश्य और नियम, और भाषा शिक्षण के लिए शिक्षण के नियमों से संबंधित है।

यह अध्याय उम्मीदवारों को भाषा के काम और उसके विकास में बोलने और सुनने की भूमिका के बारे में ज्ञान देता है। यह भाषा के कार्य और महत्व और भाषा के विकास को प्रभावित करने वाले कारक के बारे में चर्चा करता है। अध्याय के अंत में कुछ अभ्यास प्रश्न दिए गए हैं।

यह अध्याय भाषा अधिगम में व्याकरण की भूमिका पर केंद्रित है। यह भाषा और व्याकरण के अर्थ और परिभाषा को समझाता है। साथ ही, विभिन्न प्रकार के व्याकरण की शिक्षण विधिया और अन्य महत्वपूर्ण कारकों को यहाँ समझाया गया है। कुछ अभ्यास प्रश्न अंत में दिए गए हैं।

भाषायी विविधता वाले कक्षा-कक्ष की समस्या के साथ यह अध्याय संबंधित है। यह कक्षा-कक्ष में बहुभाषिकता को बढ़ावा देने की आवशयकता, भाषा विविधता वाली कक्षा में भाषा-शिक्षण की चुनोतिया और शिक्षण में आने वाली समस्याओ का समाधान के बारे में बात करती है।

इस अध्याय में, उम्मीदवारों को भाषा कौशल की परिभाषा मिलेगी। वे श्रवण कौशल का अर्थ, मौखिक अभिव्यक्ति कौशल, पठन कौशल, और लेखन कौशल और उनके विवरण के बारे में जानेंगे। उम्मीदवारों के लिए कुछ अभ्यास प्रश्न और उनके स्पष्टीकरण भी दिए गए हैं।

यह अध्याय भाषा बोध में प्रवीणता के मूल्यांकन के बारे में बताता है। यह मूल्यांकन का महत्व और उद्देश्य बताता है। इसके अलावा, विभिन्न प्रकार के मूल्यांकन की विधियां यहाँ संक्षिप्त रूप से वर्णित हैं। मूल्यांकन की विशेषताएँ भी यहां दी गईं हैं।

इस अध्याय में उम्मीदवारों को शिक्षण सहायक सामग्री के अर्थ और परिभाषा से अवगत कराया जाएगा। वे शिक्षण सहायक सामग्री से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण तथ्य जानेंगे। वे भाषा शिक्षण में पाठय-पुस्तक का महत्व भी समझेंगे। स्पष्टीकरण के साथ कुछ प्रश्न भी दिए गए हैं।

यह अध्याय इस अवधारणा से संबंधित है कि हिंदी भाषा शिक्षण उपचारात्मक शिक्षण है। भाषा के दोष और विभिन्न प्रकार के भाषायी कौशल से सम्बन्धित विकार पर विस्तार से चर्चा की गई है। अध्याय के अंत में उनके स्पष्टीकरण के साथ कुछ प्रश्न भी दिए गए हैं।

